दिव्यांशी जैन को 600 में से पूरे 600 मिले है बहुत बहुत बधाई समझ नहीं आता कि पेपर बनाने वाले कमजोर हो ग‌ए हैं कि बच्चे ज्यादा विद्वान हो ग‌ए हैं या नंबर देने वाले नंबरों का महत्व भूल गए हैंखैर जो भी हो एक बार फिर नंबरों पर मनुष्य की जीत हुई है।




Comments